1954
श्री जयनारायण जी व्यास राजस्थान की राजनीती में शीर्षस्थानीय, सर्वोपरि अडिग चट्टान थे. लेकिन राजस्थान की राजनीती में उनके प्रयोग प्रदेश कोंग्रेस को न तो स्वीकार थे न सहन थे. इसलिए सन 1954 में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की जयपुर में होने वाली बैठक में, जिसमें खचाखच भीड़ थी, श्री माणकयलालजी जी वर्मा ने एका-एक उठकर कहा, “आज से व्यास जी , मैं आपकी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह करता हूँ. आप भी हीरालाल जी शास्त्री जी के रास्ते जा रहे हैं. कांग्रेस की बात आप मानना नहीं चाहते, यह चल नहीं सकता. आपका नेतृत्व कांग्रेस की हथेलियों पर है.”
व्यास जी यह कहकर सभा से चले गए, “तो ले लो तुम लोग मिनिस्ट्री …..”
6 नवम्बर 1954 को श्री जयनारायण जी व्यास विधान सभा में कांग्रेस पार्टी की बैठक में 8 वोट से हार गए और श्री मोहनलाल जी सुखाड़िया नए नेता निर्वाचित हुए. 13 नवम्बर 1954 को, सात दिन बाद राजप्रमुख ने उन्हें मुख्यमंत्री की शपथ दिलाई. और इस तरह मात्र ३८ की उम्र में राजस्थान में लोकतंत्र वाद ने सुखाड़िया युग का शुभागमन हुआ.
2020
66 साल बाद कुछ ऐसा ही विरोध राजस्थान में फिर दिखाई दिया. जहाँ पहले यह विरोध 55 साल बनाम 38 का था, इस बार यह 69 साल बनाम 43 का है.
जहाँ पहले मारवाड़ से दिग्गज लोकनायक श्री जयनारायण जी व्यास ने मुख्यमंत्री पद से रुखसत की थी ठीक उस के विपरीत इस बार मारवाड़ से ही जननायक श्री अशोक जी गहलोत ने अपना एक बार फिर सभी कोंग्रेस विधायकों के समर्थन प्राप्त कर लिया. आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद विरोध थम गया. एक महीन के अंतराल और व्यथित करने वाले घटनाक्रम में स्थितियां अब शांत हो गयीं
हम कांग्रेस जन ने आज चैन की सांस ली है, विपक्ष की सरकार गिराने की कोशिश को पूर्णविराम लगा दिया गया है. सरकार फिर से आम जन के हक में और अपने वायदा पुरे करने के मार्ग पर अग्रसर हो गयी है. 2023 तक की चुनी हुई राजस्थान की जनता को समर्पित कांग्रेस सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी, यह हम सब का विश्वास ही नहीं बल्कि पूरा यकीन है.
जय कांग्रेस !!