Udaipur MLA 2023

उदयपुर शहर तैयार है अपना नया विधायक चुनने को !!
उदयपुर विधानसभा का एक अपना अलग गौरव है . यहाँ के मतदाताओं ने समय-समय पर ऐसी महान विभूतियों को चुना, जिन्होनें न केवल अपने क्षेत्र व प्रदेश बल्कि पुरे देश के पटल पर अपनी पहचान छोड़ी. चाहे वो 17 साल तक निरंतर मुख्यमंत्री रहने वाले स्व. श्री मोहनलाल जी सुखाड़िया हों या फिर उन के सामने जन संघ के उम्मीदवार रहे और बाद में उदयपुर विधायक चुने जाने वाले पार्टी संस्थापक कद्दावर नेता स्व. श्री भानु कुमार जी शास्त्री.
इन के बाद की पीढ़ी में देखें तो सुश्री गिरिजा जी व्यास केंद्रीय मंत्री एवम राष्ट्रिय महिला आयोग अध्यक्षा रहीं और वहीँ भाजपा से रहे श्री गुलाब चाँद जी कटारिया- जो अब असम प्रदेश के राज्यपाल नियुक्त होने के बाद वहां प्रदेश का गौरव बड़ा रहे हैं.
1952 से अब तक हुए 15 विधान सभा में समय समय पर अपनी सूझ बूझ से विधायक का चुनाव करा है . पहले चुनाव में जहाँ स्व. श्री मोहनलाल जी सुखाडिया 8179 मत पा कर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी स्व. श्री मनोहर सिंह जी बेदला से 5453 मतों से जीते थे और अभी आखरी चुनाव में श्री गुलाब चंद जी कटारिया ने 74808 मत पा कर सुश्री गिरिजा जी व्यास से 9324 मतों से जीते हैं.
अगर अब तक के चुनाव देखे जाएँ तो 1957 के चुनावों में 82% मत पा कर श्री मोहनलाल जी सुखाडिया ने आज तक की सर्वाधिक जीत दर्ज करी है और वहीँ 1972 के चुनावों नें भानुकुमार जी शास्त्री जी ने 51% प्रतिशत वोट पा कर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी स्व. श्री प्रकाश आतुर जी से मात्र 933 मत के अंतर से जीते थे. जो आज तक का सबसे कम मत अंतर है.
2023 का चुनाव शहरवासियों को एक अहम् मोड़ पर ले कर आ गया है. यह चुनाव उदयपुर के विकास और उन्नति को तय करेगा. दोनों ही दलों को एक नए उम्मीदवार का चयन करना है. श्री गुलाबचंद जी कटारिया के राज्यपाल नियुक्त होने से ही दोनों ही दलों से नित नए नाम आगे आ रहे हैं. चाहे वोह सक्रीय रूप से राजनीती करते हैं या अपना समाजिक दायित्व निभा रहे हों.यह सब होना वाजिब भी है – हर राजनैतिक कार्यकर्ता चाहता है आगे बढ़ना और एक अधिकृत उम्मीदवार होना हर किसी के लिए गौरव की बात होती है.
उम्मीदवारी कोई भी रखे, जो सब का हक है और अधिकृत जिसको भी पार्टी करे – जनता का दायित्व है ऐसे विधायक को चुनना जिसके पास उदयपुर के सुनहरे भविष्य के विकास का प्लान तैयार हो. नए प्रगतिशील उन्नत उदयपुर की सोच रखता हो. और यह सब तब हो पायेगा जब हम सब मतदाता प्रण लें की जाती /वर्ण /धर्म से ऊपर उठकर शहर का सोचेंगे. प्रलोभन और द्वेष के बिना मत प्रयोग करेंगे.
आइये हम सब तैयार हो जाये उदयपुर वासियों के एक नए विधायक देने के लिए !!