आज १४ फ़रवरी को वैलेंटाइन डे बनाने वालों में से मैं खुद तो बिलकुल नहीं हूँ, लेकिन जो मानते हैं या मानते थे या मनाने का सोचते है व् उन सब के लिए जिनका इश्क क़ामिल न हो पाया उनके लिए मशहूर शायर साहिर लुधयानवी की नज़्म – ‘मता-ए-ग़ैर’ शेयर कर रहा हूँ.https://youtu.be/HTBIIvSlhUU जैसा कीContinueContinue reading “Unrequited Love”